RBI approval HDFC Bank: 9.5% हिस्सेदारी तक की हरी झंडी,IndusInd Bank को लेकर बड़ा निर्णय जानिए पूरा अपडेट

RBI approval HDFC Bank News: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC Bank को बड़ी राहत दी है। RBI ने HDFC Bank और उसके ग्रुप की कंपनियों को IndusInd Bank में 9.5% तक हिस्सेदारी रखने की अनुमति दे दी है।

यह मंजूरी 15 दिसंबर को जारी पत्र के जरिए दी गई है और यह एक साल तक, यानी 14 दिसंबर 2026 तक मान्य रहेगी।

किन कंपनियों पर लागू होगी यह मंजूरी?

यह अनुमति HDFC Bank की कुल (aggregate) हिस्सेदारी पर लागू होगी, जिसमें बैंक की ये ग्रुप कंपनियां शामिल हैं:

  • HDFC Mutual Fund
  • HDFC Life Insurance
  • HDFC ERGO General Insurance
  • HDFC Pension Fund Management
  • HDFC Securities

HDFC Bank ने साफ किया है कि वह खुद सीधे IndusInd Bank में निवेश नहीं करेगा। हालांकि, उसकी ग्रुप कंपनियों का निवेश मिलकर पहले तय 5% की सीमा को पार करने वाला था, इसी वजह से RBI से सीमा बढ़ाने की अनुमति मांगी गई थी।

RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी समय कुल हिस्सेदारी 9.5% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, चाहे वह शेयर कैपिटल हो या वोटिंग राइट्स।

निवेशकों के लिए क्या है मायने ?

HDFC Bank ने बताया कि ग्रुप कंपनियों का निवेश उनके सामान्य बिज़नेस का हिस्सा है। बैंक ने यह आवेदन 24 अक्टूबर को RBI को सौंपा था।

मार्केट की बात करें तो HDFC Bank का शेयर मंगलवार सुबह BSE पर करीब ₹996 पर लगभग सपाट कारोबार करता दिखा वहीं IndusInd Bank का शेयर करीब ₹845.55 पर 0.68% गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था |

HDFC Bank का मार्केट कैप करीब ₹15.28 लाख करोड़ है और कंपनी ने पिछले 5 साल में 21% CAGR से मुनाफे की ग्रोथ दिखाई है। साथ ही, कंपनी का डिविडेंड भी 23.3% की ग्रोथ के साथ बढ़ते चले आ रहा है |

IndusInd Bank की हालिया चुनौतियां

IndusInd Bank हाल ही में सुर्खियों में रहा है, लेकिन वजह सकारात्मक नहीं थी। मार्च तिमाही में बैंक को अब तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा हुआ, जिसकी एक बड़ी वजह $230 मिलियन का झटका रहा।

इस मामले में गवर्नेंस और अकाउंटिंग से जुड़ी खामियां सामने आईं, जिसके बाद बैंक के तत्कालीन CEO सुमंत कथपालिया और डिप्टी CEO अरुण खुराना को पद छोड़ना पड़ा।

Kantar BrandZ Most Valuable Indian Brands 2025 रिपोर्ट के अनुसार, HDFC Bank अब भारत का सबसे ज्यादा वैल्यूएबल ब्रांड बन गया है।

इस रैंकिंग में HDFC Bank ने Tata Consultancy Services (TCS) को पीछे छोड़ दिया है, जो पिछले कुछ वर्षों से टॉप पर था।

गौर करने वाली बात यह है कि HDFC Bank पहले भी 2014 से 2022 तक लगातार नंबर-1 ब्रांड रह चुका है। इसके बाद TCS ने यह जगह हासिल कर ली थी, लेकिन 2025 में HDFC Bank ने फिर वापसी कर ली है। रिपोर्ट के मुताबिक, HDFC Bank की मौजूदा ब्रांड वैल्यू $44.9 बिलियन आंकी गई है।

ये भी पढ़ें :

सतीश कुमार, एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट (मुंबई) हैं, जिन्हें 2019 से शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड और निवेश के साथ-साथ ब्लॉगिंग का भी अनुभव है। वे इस ब्लॉग के माध्यम से शेयर बाजार, आईपीओ, तिमाही रिपोर्ट और फाइनेंस से जुड़ी ताज़ा खबरें आसान भाषा में प्रस्तुत करते हैं।

Share:

Leave a Comment