AceVector IPO Updated DRHP, कंपनी का बिज़नेस मॉडल, फंडिंग और फ़ाइनेंशियल रिपोर्ट हाइलाइट्स

ई-कॉमर्स टेक सॉल्यूशन कंपनी AceVector ने 6 दिसंबर को SEBI के साथ अपना Updated DRHP (UDRHP) फाइल किया है। कंपनी मार्केट में अपना IPO लाने की तैयारी तेज कर चुकी है और इस बार फाइलिंग में कई अहम बातें सामने आई हैं।

AceVector अपने IPO के जरिए ₹300 करोड़ का Fresh Issue और 6.38 करोड़ इक्विटी शेयरों का OFS लाने की योजना बना रही है।

कंपनी ने यह भी संकेत दिया है कि वह ₹60 करोड़ तक का Pre-IPO Placement करने पर विचार कर सकती है।

AceVector IPO फंड कहां इस्तेमाल होगा?

Updated DRHP के मुताबिक, जुटाई गई राशि का इस्तेमाल ₹125 करोड़ मार्केटप्लेस बिज़नेस के मार्केटिंग और बिज़नेस प्रमोशन पर,₹55 करोड़ टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर और बाकी राशि इनऑर्गैनिक ग्रोथ व कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए किया जाएगा |

IPO को मैनेज करने के लिए IIFL Capital Services और CLSA India को मर्चेंट बैंकर नियुक्त किया गया है।

कंपनी का बिज़नेस मॉडल और बैकग्राउंड

AceVector एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो ई-कॉमर्स कंपनियों और रिटेलर्स के लिए टेक-इनेबल्ड सॉल्यूशंस प्रदान करता है। कंपनी के डिजिटल टूल्स ऑनलाइन स्टोरफ्रंट मैनेजमेंट, ऑर्डर प्रोसेसिंग और कस्टमर मैनेजमेंट जैसे काम आसान बनाते हैं।

गुरुग्राम स्थित यह कंपनी 2007 में कुनाल बहल और रोहित बंसल द्वारा स्थापित की गई थी। यह Series H स्टेज की कंपनी है।

AceVector के तहत कई प्रमुख प्लेटफॉर्म काम करते हैं:

  • Snapdeal – वैल्यू-फोकस्ड ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस
  • Unicommerce – ई-कॉमर्स एनेबलमेंट SaaS प्लेटफॉर्म
  • Stellaro Brands – ओम्नीचैनल कंज़्यूमर ब्रांड्स

कंपनी के पास 366 कर्मचारी हैं और इसके 1,723 सक्रिय प्रतियोगी मौजूद हैं। इसके प्रमुख प्रतिस्पर्धी Cart.com, CommerceIQ और aCommerce हैं।

फंडिंग की बात करें तो AceVector ने अब तक $1.5 बिलियन जुटाए हैं। इसके निवेशकों में SoftBank, eBay और Nexus Venture Partners जैसे बड़े नाम शामिल हैं। कंपनी की वर्तमान वैल्यूएशन करीब ₹42,600 करोड़ बताई जाती है।

AceVector की Financial Highlights

AceVector के प्रमोटर्स कुनाल बहल और रोहित बंसल कंपनी में 23.56% हिस्सेदारी रखते हैं। वहीं एक अन्य प्रमोटर एंटिटी Starfish के पास 30.68% हिस्सेदारी है।

कंपनी ने H1 FY26 में ₹244 करोड़ का ऑपरेटिंग रेवेन्यू दर्ज किया, जो एक साल पहले के ₹181 करोड़ से 34% ज्यादा है। इसी अवधि में एडजस्टेड EBITDA लॉस घटकर ₹9.2 करोड़ रह गया, जो पिछले साल ₹28 करोड़ था।

सितंबर 2025 तक 6 महीनों में कंपनी का लॉस घटकर ₹29.7 करोड़ रह गया, जबकि पिछले साल यही लॉस ₹113.2 करोड़ था। इसी अवधि में रेवेन्यू ₹181.2 करोड़ से बढ़कर ₹244.4 करोड़ हो गया।

FY25 में कंपनी का लॉस बढ़कर ₹138.9 करोड़ हो गया जो पिछले साल ₹57.8 करोड़ रहा था ,लेकिन इसी दौरान रेवेन्यू में 4% की बढ़त हुई और यह ₹379.8 करोड़ से बढ़कर ₹395 करोड़ हो गया।

सतीश कुमार, एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट (मुंबई) हैं, जिन्हें 2019 से शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड और निवेश के साथ-साथ ब्लॉगिंग का भी अनुभव है। वे इस ब्लॉग के माध्यम से शेयर बाजार, आईपीओ, तिमाही रिपोर्ट और फाइनेंस से जुड़ी ताज़ा खबरें आसान भाषा में प्रस्तुत करते हैं।

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