SEBI की Avadhut Sathe पर बड़ी कार्रवाई,₹601 करोड़ जब्ती का पूरा सच यहाँ पढ़ें

भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ी खबर सामने आई है। SEBI ने 4 दिसंबर को एक इंटरिम ऑर्डर जारी करके Avadhut Sathe Trading Academy (ASTA) और उसके प्रोप्राइटर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।

SEBI के अनुसार, Academy ने शिक्षा के नाम पर अनरजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवायजरी और रिसर्च एनालिस्ट जैसी गतिविधियाँ चलाईं, जिनसे भारी-भरकम रकम वसूली गई।

क्या कहा है SEBI ने?

SEBI के इंटरिम ऑर्डर में बताया गया है कि ASTA ने कुल ₹601 करोड़ से अधिक की रकम 3.37 लाख से ज्यादा निवेशकों से कोर्स फीस और अन्य सेवाओं के नाम पर इकट्ठी की।

जाँच में पाया गया की शिक्षा देने के साथ-साथ स्टॉक-स्पेसिफ़िक एंट्री-एग्ज़िट पॉइंट्स,लाइव मार्केट में कॉल्स, स्टॉप-लॉस ट्रिगर होने पर तुरंत अपडेट,और कई बार प्रतिभागियों की ओर से ऑर्डर तक प्लेस कराना,
जैसी गतिविधियाँ लगातार होती रहीं।

ये सभी काम रजिस्टर्ड एडवाइज़री सेवाओं की श्रेणी में आते हैं, और बगैर SEBI रजिस्ट्रेशन के ये पूरी तरह अवैध हैं।

जाँच में यह भी सामने आया कि SEBI की ओर से शुरुआती चेतावनी मिलने के बाद भी ये गतिविधियाँ नहीं रुकीं, बल्कि इन्हें और प्राइवेट तरीके से जारी रखा गया ताकि रेगुलेटरी स्कैन से बचा जा सके।

SEBI ने ₹601 करोड़ क्यों जब्त किए?

SEBI की जाँच में पता चला कि 1 जनवरी 2020 से 9 अक्टूबर 2025 के बीच ASTA द्वारा चलाए गए 8 कोर्स ऐसे थे, जो सीधे-सीधे अनरजिस्टर्ड एडवाइजरी/रिसर्च की श्रेणी में आते हैं।

इनसे जुड़े लेन-देन की राशि लगभग ₹546.2 करोड़ पाई गई — जिसे “Unlawful Gains” माना गया है। इसी रकम को SEBI ने इंपाउंड (जब्त) करने का आदेश दिया है।

पूरा फीस कलेक्शन (2015–2025) जोड़कर राशि ₹601.4 करोड़ के आसपास पहुँचती है। ऑर्डर में यह भी कहा गया है कि राशि निवेशकों/कोर्स प्रतिभागियों को वापस लौटाई जानी चाहिए।

Academy को 21 दिन में शो कॉज़ नोटिस का जवाब देने का समय दिया गया है।

ASTA के कोर्स और कमाई का मॉडल

ASTA बेसिक से लेकर एडवांस्ड ट्रेडिंग तक कई तरह के प्रोग्राम चलाता था। कुछ कोर्स की फीस ₹6.75 लाख प्रति व्यक्ति तक थी।

लाइव मार्केट सेशन में स्टॉक्स के एंट्री-एग्ज़िट लेवल,विशिष्ट ट्रेडिंग कॉल्स और स्टॉप-लॉस अलर्ट जैसी जानकारी प्रतिभागियों को उपलब्ध कराई जाती थी जिसे SEBI ने सलाह/रिसर्च की श्रेणी में माना।

Avadhut Sathe कौन हैं? (Background)

साठे 1991 से ट्रेडिंग और निवेश में सक्रिय हैं। भारतीय और अमेरिकी बाज़ारों के F&O सहित कई सेगमेंट में लंबा अनुभव है। 2008 से ट्रेडिंग से जुड़े सेमिनार और ट्रेनिंग कार्यक्रम चला रहे हैं।

ASTA ने देशभर में दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, पुणे, मुंबई समेत कई शहरों में अपनी मौजूदगी बनाई है। 600+ लीडर्स और 200+ ASTA Satsang Centres के ज़रिए वे एक बड़ा नेटवर्क चलाते हैं।

SEBI का कहना है कि इतना बड़ा ट्रेनिंग नेटवर्क होने के बावजूद अनरजिस्टर्ड एडवाइजरी गतिविधियाँ लगातार जारी रहीं।

SEBI का ‘इंपाउंडिंग ऑर्डर’ क्या होता है?

इंपाउंडिंग का मतलब है — ग़ैरक़ानूनी तरीके से कमाई गई संभावित रकम को अस्थायी तौर पर जब्त/फ्रीज़ कर देना, ताकि आगे जाँच साफ-सुथरी रहे और धन का दुरुपयोग न हो पाए।

कुछ लोग इसे “Compounding Order” से मिलाते हैं, लेकिन दोनों अलग हैं :

Compounding Order: जुर्माना भरकर केस खत्म करने का विकल्प (SEBI Act की धारा 24A)

Impounding Order: संदिग्ध राशि को अस्थायी रूप से फ्रीज़ करना (जाँच के दौरान लिया गया कदम)

अवधूत साठे वाले मामले में SEBI ने इंपाउंडिंग ऑर्डर जारी किया है, न कि कंपाउंडिंग।

हालिया ट्रेडिंग/मार्केट फ्रॉड केस

मुरादाबाद: वाट्सऐप–इंस्टाग्राम पर झांसा देकर दो कारोबारियों से ₹2.34 लाख की ठगी।

नोएडा/ग्रेटर नोएडा: फर्जी ट्रेडिंग ग्रुप के ज़रिए एक इंजीनियर से ₹12 करोड़ से अधिक हड़पे।

ये घटनाएँ दिखाती हैं कि बाज़ार में फर्जीवाड़े का चलन बढ़ रहा है और रेगुलेटर्स को लगातार सतर्क रहना पड़ रहा है।

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सतीश कुमार, एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट (मुंबई) हैं, जिन्हें 2019 से शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड और निवेश के साथ-साथ ब्लॉगिंग का भी अनुभव है। वे इस ब्लॉग के माध्यम से शेयर बाजार, आईपीओ, तिमाही रिपोर्ट और फाइनेंस से जुड़ी ताज़ा खबरें आसान भाषा में प्रस्तुत करते हैं।

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